EARTHEN WARES / UTENSILS
The people of the Indus valley civilization knew the use of the potter's wheel and with its help, they produced articles of regular shape and form. The pottery of the clay was baked to harden the surface. They also used to make ornamentally decorated earthenwares.
They usually decorated them with human figures animal figures, birds leave flowers, and some geometrical patterns, Such utensils have been found in Mohenjo Daro, Harappa, Lothal, and Chanhu-Daro. These earthenwares are smooth and shining until now, even after thousands of years. Many of them can be seen in the National Museum in New Delhi. The surface of these utensils is red and designs have been made with black color.
मिट्टी के पात्र
सिन्धु घाटी के निवासी चाक का प्रयोग करना भलीभाँति जानते थे इसलिए वे उसकी सहायता से निश्चित आकार को मिट्टी की वस्तुएँ बनाते थे। फिर उसकी मजबूती के लिये उसे आग में पकाते थे पकने के बाद इन पात्रों को खूबसूरती से सजाते भी थे इन्हें सजाने के लिए वे लोग मानवाकृति, पशु पक्षी फूल-पत्ती तथा ज्यामितीय आकारों का प्रयोग करते थे। इस प्रकार के पात्र मोहनजोदड़ो हड़प्पा, लोधल और चानुदारी की खुदाई में मिले हैं। इन पात्रों की सतह लाल है तथा उसके ऊपर किया गया अलंकरण काले रंग में है। हजारों वर्षों के बाद आज भी इन पात्रों की पालिश की चमक कायम है। इनमें से कई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में देखे जा सकते हैं।
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